मीडिया को धमकाने पर घिरे चंद्रशेखर राव

हैदराबाद। मीडिया को धमकाने के मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। विपक्षी दलों ने सीएम के बयान को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कड़ी आलोचना की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनने के बाद ही इसपर कोई निष्कर्ष निकाला जा सकता है। वहीं, दो न्यूज चैनलों के प्रसारण रोकने पर पत्रकारों ने बुधवार को लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन किया।

चंद्रशेखर राव ने कथित तौर पर कहा था, ‘यदि कोई तेलंगाना के आत्मसम्मान या विधानसभा या यहां की संस्कृति का अपमान करने की कोशिश करेगा तो हम उसकी गर्दन मरोड़ देंगे। सावधान हो जाओ वरना हम तुम्हें जमीन के अंदर 10 फीट तक गाड़ देंगे। हम मीडिया को खेल नहीं खेलने देंगे। यदि आप ज्यादा करेंगे, आपको ज्यादा भुगतना पड़ेगा। मैं मुख्यमंत्री के तौर पर कह रहा हूं कि यदि आपको यहां रहना है तो हमारा सम्मान करते हुए रहें।’ राव के इस बयान की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की है।

भाजपा ने राव के कदम को जहां अलोकतांत्रिक करार दिया, वहीं कांग्रेस ने कहा कि राव को सरकार चलाने का कोई तरीका नहीं सूझ रहा। तेलंगाना के भाजपा प्रमुख जी किशन रेड्डी ने कहा कि वह इस मसले को सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के समक्ष उठाएंगे। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने कहा कि चंद्रशेखर राव को सरकार चलाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा, लिहाजा वह झूठे महिमामंडन में जुटे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘लोकतंत्र में मीडिया को प्रहरी माना जाता है न की सरकार का गुणगान करने वाला।’ चंद्रशेखर राव की सांसद बेटी कविता ने पिता का बचाव करते हुए कहा कि मीडिया ने सरकार का नहीं बल्कि तेलंगाना के विधानमंडल का अपमान किया था।

तेलंगाना के नेताओं का कथित तौर पर मजाक उड़ाने के बाद 16 जून से ही केबल ऑपरेटरों ने टीवी 9 और एबीएन आंध्र ज्योति चैनलों का प्रसारण रोक रखा है। वहीं, राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से इन चैनलों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है बल्कि मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ) ने इनका बहिष्कार किया है।

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