सुप्रीम कोर्ट ने केरल की नई शराब नीति पर उठाए सवाल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार के बार लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार की नई शराब नीति पर सवाल उठाए हैं। नई नीति में बार लाइसेंस सिर्फ 5 स्टार होटलों को ही देने की बात कही गई है। सरकार 10 साल में राज्य में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाना चाहती है।

सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करेगी, तब तक केरल में बार खुले रहेंगे। होटल और बार एसोसिएशन ने राज्य सरकार के शराब की 700 दुकानें बंद करने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

न्यायमूर्ति एआर दवे और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ इस पर तत्काल सुनवाई के लिए राजी हो गई। पीठ ने राज्य सरकार के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी। पीठ ने सवाल किया कि सिर्फ 5 स्टार होटलों को बार लाइसेंस देने के पीछे आखिर क्या तर्क है? इसके पीछे हमें कोई कारण नजर नहीं आता ।

हमारी बात नहीं सुनी गई

यूडीएफ शासित केरल सरकार के इस फैसले को एसोसिएशन ने अन्यायपूर्ण ठहराया। उनका कहना था कि रोक लगाने से पहले हमारी बात भी नहीं सुनी गई। राज्य सरकार ने इस शुक्रवार से राज्यभर की 700 शराब दुकानों को बंद करने का आदेश सुना दिया।

राज्य सरकार का लक्ष्य दस सालों में केरल को पूर्ण रूप से शराबमुक्त बनाने का है। राज्य सरकार द्वारा संचालित 383 रिटेल शराब की दुकानों में से 10 फीसद हर साल बंद की जाएंगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने फाइव स्टार होटलों को इस फैसले से अलग रखा है। राज्य सरकार ने अपने फैसले में यह भी कहा था कि 2 अक्टूबर के बाद से हर रविवार ड्राई डे रहेगा।

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