शीला के बयान से कांग्रेस सकते में

नई दिल्ली, भाजपा को तीन-तीन विधानसभा चुनावों में मात देकर दिल्ली में लगातार 15 साल तक कांग्रेसी हुकूमत चलाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अचानक भाजपा के समर्थन में खड़े हो जाने से सियासी तूफान खड़ा हो गया। शीला ने कहा कि चुनी हुई सरकारें हमेशा अच्छी होती हैं और दिल्ली में यदि भाजपा सरकार बना लेती है तो यह अच्छी बात है। उनके इस बयान का जहां भाजपा ने स्वागत किया है, वहीं उनकी पार्टी सदमे में है। कांग्रेस ने इसे शीला का निजी विचार करार देते हुए साफ किया है कि पार्टी प्रदेश में विधानसभा चुनाव चाहती है।

यदि सदन में बहुमत साबित करने की नौबत आई तो कांग्रेस विधायक भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे। वहीं पार्टी में शीला को बाहर करने की मांग भी उठने लगी है।

कुछ दिनों पहले केरल के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने वालीं शीला दीक्षित ने गुरुवार को कहा कि ”लोकतंत्र में चुनी हुई सरकारें हमेशा बेहतर होती हैं क्योंकि वे जनता का प्रतिनिधित्व करती हैं। यदि भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने की स्थिति में पहुंच गई है तो यह अच्छी बात है। जहां तक मुझे समझ आता है, किसी भी दल का कोई विधायक चुनाव नहीं चाहता। लोग भी कह रहे हैं कि विधायक चुनाव नहीं बल्कि सरकार का गठन चाहते हैं।”

भाजपा नेता पर लगे खरीद-फरोख्त के आरोप पर उनका कहना था कि ऐसे आरोप तो लगते रहते हैं। पार्टी महासचिव व दिल्ली के प्रभारी डॉ. शकील अहमद और अजय माकन ने बयान को उनका निजी विचार करार देते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक भाजपा को समर्थन नहीं देंगे।

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