जम्मू-कश्मीर में केंद्र ने संभाली राहत की कमान
नई दिल्ली, जल प्रलय से मुकाबिल जम्मू-कश्मीर में राहत एवं बचाव अभियान की कमान केंद्र ने संभाल ली है। हर जरूरतमंद तक राहत पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए गृह सचिव अनिल गोस्वामी के नेतृत्व में वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारियों की टीम ने श्रीनगर पहुंच कर मोर्चा संभाल लिया है। फिलहाल कुदरत का कहर झेल रहे श्रीनगर में दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी तैनात हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत-बचाव कार्यो की निगरानी के साथ-साथ गृह सचिव को राज्य की ध्वस्त प्रशासनिक मशीनरी को खड़ा करने का निर्देश दिया है।
दरअसल बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री पहुंचाने का स्पष्ट निर्देश दिया था। प्रधानमंत्री राहत-बचाव जरूरतमंदों तक नहीं पहुंचने और इसके कारण स्थानीय लोगों में बढ़ते आक्रोश को लेकर नाराज थे। गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने प्रधानमंत्री को यह बताने की कोशिश की कि राज्य प्रशासन पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है और इस कारण राहत-बचाव मिशन में दिक्कत आ रही है। लेकिन प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया कि यह जिम्मेदारी दूसरे पर डालने का समय नहीं है। हम राज्य की प्रशासनिक मशीनरी के हरकत में आने का इंतजार नहीं कर सकते। उन्होंने गृह सचिव को अपनी टीम के साथ श्रीनगर में राहत-बचाव मिशन की कमान संभालने और राज्य मशीनरी को पुनर्जीवित करने को कहा।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री के स्पष्ट निर्देश के बाद गृह सचिव मंत्रालय के लगभग एक दर्जन वरिष्ठ अधिकारियों की टीम के साथ श्रीनगर पहुंच गए हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों को तरजीह दी गई है, वो वहां के प्रशासनिक ढांचे से वाकिफ हैं। खुद गृह सचिव भी जम्मू-कश्मीर कैडर से आते हैं। जबकि राष्ट्रीय आपदा के संयुक्त सचिव पहले से ही 10 अधिकारियों की टीम के साथ श्रीनगर में मौजूद हैं।
उनकी मदद के लिए वित्त और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ योजना आयोग के संयुक्त सचिव को भी श्रीनगर भेजा जा चुका है। गुरुवार को कश्मीर भेजी गई अफसरों की टीम के साथ श्रीनगर में वरिष्ठ अधिकारियों की संख्या दो दर्जन से अधिक हो गई हैं। माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के तीन अन्य अधिकारी भी शुक्रवार को श्रीनगर जा सकते हैं।
मोदी के निर्देश के बाद उठाए गए कदमों का असर आपदाग्रस्त इलाकों में भी दिखा। जिससे प्रशासन के खिलाफ आक्रोश कम हुआ है। यही कारण है कि बचाव दल पर पत्थरबाजी की घटनाएं गुरुवार को देखने में नहीं आई। वहीं बाढ़ का पानी कम होने और संचार सेवाओं के काफी तक चालू हो जाने से भी लोगों को राहत मिली है।
‘यह दूसरों पर जिम्मेदारी डालने का समय नहीं है। राहत अभियान के लिए हम राज्य प्रशासन के हरकत में आने का इंतजार नहीं कर सकते।’
-नरेंद्र मोदी
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