हरियाणा-महाराष्ट्र में 15 अक्टूबर को मतदान
नई दिल्ली। केंद्र में प्रचंड बहुमत से नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद अब पहली बार दो राज्यों में भी जनता अपनी किस्मत का फैसला करने जा रही है। महाराष्ट्र और हरियाणा में नई राज्य सरकार के लिए 15 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग ने दोनों ही राज्यों में एक ही दिन और एक ही चरण में मतदान करवाने का फैसला किया है। इसके चार दिन बाद 19 अक्टूबर को मतों की गिनती के बाद इन राज्यों की विधान सभा चुनावों के नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए आयोग जल्द ही अलग से तारीखों का एलान करेगा, जबकि जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के बाद की स्थिति के आकलन के बाद ही कोई फैसला किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। इसके साथ ही इन दोनों राज्यों में आदर्श चुनाव संहिता लागू हो गई। यहां तक कि केंद्र सरकार पर भी इन दोनों राज्यों के चुनावों को प्रभावित करने वाला कोई फैसला लेने या एलान करने पर रोक होगी। दोनों राज्यों में चुनावों के लिए 20 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी। 27 तारीख तक उम्मीदवार अपना पर्चा भर सकेंगे। इसी तरह 29 सितंबर तक आयोग इनकी जांच पूरी कर लेगा।
केंद्र में भारी बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी सरकार गठित होने के बाद पहली बार किसी राज्य में नई सरकार के लिए चुनाव होने जा रहा है। हरियाणा में जहां कांग्रेस सरकार से लोगों में भारी असंतोष है, वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन सरकार को लेकर भी जनता में काफी रोष है। ऐसे में लोगों की नजर इन चुनावों पर गंभीरता से बनी रहेगी। हरियाणा में जहां 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, वहीं महाराष्ट्र में 288 सीटें हैं। हरियाणा में 2009 के चुनावों में कांग्रेस को 41 और इनेलो को 30, हजकां को 6, निर्दलीयों को 7 और 6 सीटें अन्य को मिली थीं। इनमें भाजपा की चार और बसपा की एक सीट थी। जबकि महाराष्ट्र में कांग्रेस को 82, एनसीपी को 62,भाजपा को 46, शिवेसना को 44, मनसे को 13, निर्दलीयों को 24 और अन्य को 17 सीटें मिली थीं।
झारखंड और जम्मू-कश्मीर विधानसभाओं की समय अवधि भी कुछ महीनों में ही समाप्त हो रही है। मगर आयोग ने कहा है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव अलग तारीखों पर होंगे। एक स्थायी और मजबूत सरकार के लिए छटपटा रहे इस नक्सल प्रभावित राज्य में आयोग एक से अधिक चरण में भी मतदान करवा सकता है। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर संपत ने कहा कि आयोग वहां की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। जैसे ही वहां की स्थिति स्पष्ट होगी, आयोग तुरंत कोई फैसला लेने की कोशिश करेगा। हरियाणा की मौजूदा विधासभा की समय सीमा 27 अक्टूबर तक है, जबकि महाराष्ट्र की आठ नवंबर तक। आयोग ने दावा किया है कि चुनाव के दौरान किसी को भी भड़काऊ भाषण देने की इजाजत नहीं होगी। ऐसी किसी भी शिकायत पर आयोग सख्त कार्रवाई करेगा।
उपचुनाव भी साथ ही होंगे:
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महाराष्ट्र और हरियाणा की विधानसभाओं के साथ ही 15 अक्टूबर को दो संसदीय और पांच विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान होगा। इसमें जहां महाराष्ट्र की बीड और ओडिशा की कंधमाल संसदीय सीटें शामिल होंगी।
वहीं उत्तर प्रदेश की कैराना, गुजरात की राजकोट पश्चिम और उत्तर पूर्व के राज्यों की तीन विधानसभा सीटों पर भी इसी दिन वोट डाले जा सकेंगे। इन सभी के नतीजे भी दोनों राज्यों की विधानसभा के साथ 19 अक्टूबर को ही घोषित होंगे।
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