मुलाकातियों पर रंजीत सिन्हा का संकट कायम

नई दिल्ली। आरोपियों से मुलाकात के मामले में सीबीआइ निदेशक रंजीत सिन्हा की मुसीबतें अभी भी कायम हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सूचना का स्त्रोत जाने बगैर मामले पर विचार न करने की सिन्हा की दलीलें ठुकराते हुए आगे कदम बढ़ा दिया है। सोमवार को कोर्ट ने 2जी मामले के विशेष अभियोजक आनंद ग्रोवर को आरोपों से जुड़े सारे दस्तावेज सौंपने का आदेश देते हुए सलाह देने को कहा है। ऐसे में अब सिन्हा पर लगे आरोपों का पिटारा खुलेगा और जांच शुरू होगी। दूसरी ओर, प्रशांत भूषण और कामिनी जायसवाल ने सूचना का स्त्रोत बताने में असमर्थता जताते हुए कोर्ट से बिना शर्त माफी मांग ली है। दोनों ने नई अर्जी दाखिल कर कोर्ट से स्त्रोत का खुलासा करने का आदेश वापस लेने का अनुरोध किया है। इस मामले में 10 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

मालूम हो कि 2जी मामले की निगरानी सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। याचिकाकर्ता संस्था सीपीआइएल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सीबीआइ निदेशक पर मामले को प्रभावित करने और आरोपियों से मिलने का आरोप लगाया है। इस मामले में कोर्ट ने प्रशांत भूषण से सूचना के स्त्रोत व्हिसिल ब्लोअर का नाम बताने को कहा था।

सोमवार को सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण और कामिनी जायसवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे पेश हुए। दवे ने कहा कि दोनों वकील सूचना का स्त्रोत बताने के आदेश का पालन न कर पाने के लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं। हालांकि, सिन्हा के वकील ने कहा कि प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट पर भी विश्वास नहीं है। उन्होंने स्त्रोत का खुलासा करने से इन्कार करके कोर्ट के आदेश की अवमानना की है और इसके लिए उन पर आपराधिक अवमानना का मामला चलना चाहिए। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद विरोध दरकिनार करते हुए कहा कि वे इस मामले के दूरगामी परिणामों पर विचार कर रहे हैं। न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की पीठ ने कहा कि इस मामले में वे जो भी आदेश देंगे उसका असर लंबित मुकदमों और भविष्य मे दाखिल होने वाले मामलों पर पड़ सकता है। इसलिए वे कोई भी आदेश जारी करने से पहले 2जी ट्रायल में विशेष लोकअभियोजक वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर को सुनना चाहेंगे। कोर्ट ने मामले से जुड़े सारे दस्तावेज, इन्ट्री रजिस्टर, सीबीआइ की फाइलें संस्था की अर्जी और रंजीत सिन्हा की ओर से दाखिल किया गया जवाब ग्रोवर को देने का आदेश दिया। कोर्ट ने ग्रोवर से कहा कि वे मामले को देख कर कोर्ट को आगे सुनवाई में मदद करें।

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