दो एम.पीज़ को परेशान करने के मामले में जांच बाहर से नहीं करवाई जा सकती : पैनल

ओंटारियो , सभी पार्टियों के सांझे पैनल जो पार्लियामैंट के आंतरिक प्रशासन की निगरानी करता है, ने बंद कमरा मीटिंग में उस मांग को नकार दिया है, जिसमें लिबरल पार्टी नेता जस्टिन टरूडो द्वारा मांग की गई थी कि पिछले दिन उन्होंने दो पुरुष एम.पीज़ की कुछ एम.पीजु को तंज करने के दोष लगाए थे, की जांच किसी बाहरी शक्ति से करवाई जाए।
प्रश्नकाल से कुछ समय पहले एक स्टेटमैंट जारी करते हुए हाऊसन नेता जॉन डंकन् ने बोर्ड ऑफ इंटरनल अकोनिमी के प्रवक्ता भी हैं, ने बताया कि बंद कमरा में जो चर्चा हुई है वह अच्छे परिणामों वाली रही है। उन्होंने बताया कि बोर्ड कुछ अंतरिक कदमों पर सहमत हुआ है तथा तुरंत कुछ बदलावों केहक में है। उन्होंने बदलावों में पीडि़त एम.पीज़ व स्टाफ को मसले के हल वाला रास्ता अपनाने की मंजूरी भी होगी, जिसे हाऊन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा चलाया जाता है। डंकन ने कहा कि अंत में हाऊसन की यह जिम्मेवारी है कि वह अपने मैंबरों को नियमों में रखे। इसीलिए बोर्ड ने स्पीकन को कहा है कि वह अधिक बदलाव करने की जिम्मेवारी प्रोसीजन व हाऊस अफेयर्स कमेटी को दे तथा वह सिफारिश करे कि क्या बदलाव होने चाहिए। परंतु एन.डी.पी. मैंबर पार्लियामैंटों व लिबरल मैंबर पार्लियामैंटों के बीच जो मसला खड़ा हुआ उसने तो बोर्ड व ना ही कमेटी ने कोई जांच करवाने का फैसला लिया है। उल्लेखनीय है कि कुछ एन.डी.पी. एम.पीज़ द्वारा पिछले दिन लिबरल के दो मैंबर पार्लियामैंट जिनमें स्कॉट एंड्रयूज व मैसीमो पसैटी शामिल हैं पर परेशान करने के आरोप लगाए थे। इन आरोपों के बाद लिबरल नेता जस्टिन टरूडो ने इन दोनों एम.पीज़ को लिबरल कॉकस में से बाहर निकाल दिया था। अभी तक शिकायतकत्र्ता महिला मैंबर पार्लियामैंट की पहचान जगजाहिर नहीं की गई है।
डंकन ने विस्तारपूर्वक बताया कि उनके पास मैंबर से मैंबर के बीच पैदा हुए मसले के हल के लिए कोई शक्ति नहीं है। इसके चलते उन्होंने यह माना कि जब तक मसले के हल के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक स्कॉट व मैसीमो के भविष्य में लटकता रहेगा।
डंकन ने इशारा किया कि चार संबंधित एम.पी. हाऊसन प्रशासन द्वारा मुहैया करवाए जाते बिचौलिए द्वारा मसले का हल निकाल सकते हैं, पर ऐसा भी बकायता शिकायत के बाद ही हो सकता है, जिस बारे बताया गया है कि दोनों कथित तौर पर संदिग्ध पीडि़तों द्वारा कोई बकायदा शिकायत दर्ज ना करवाने का फैसला लिया गया है।
डंकन का कहना है कि उनके 20 साल के कार्यकाल में पहले ऐसा मामला कभी सामने नहीं आया। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसा मामला आगे कभी सामने नहीं आएगा। यही कारण है कि ऐसे मसले के हल के लिए कोई रास्ता बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

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