बोडो के खिलाफ ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ शुरू, हिंसा भी जारी

गुवाहाटी। असम में आदिवासियों के सामूहिक नरसंहार के बाद शुक्रवार को सेना ने असम राइफल्स, अर्धसैनिक बल और असम पुलिस के साथ्ा मिलकर बोडो उग्रवादियों के खिलाफ ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ की शुरुआत की। मालूम हो कि आज ही सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह मुलाकात के बाद कहा कि असम में सेना ऑपरेशन शुरू करने जा रही है।
सेना के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस ऑपरेशन की शुरुआत फुलबरी से की गई है। सुरक्षा बलों के निशाने पर 74 बोडो उग्रवादी (नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड) हैं जिन्होंने नरसंहार को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन की जानकारी म्यांमार और चीन को भी दी गई है।
इसके साथ ही आतंकी हमले से नाराज आदिवासियों का हंगामा लगातार चल रहा है। असम में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से अगजनी और तोड़फोड़ की सूचनाए हैं। इसके साथ ही इस ताजा हिंसा में कई लोगों के मारे जाने की खबरें भी आ रही हैं।
गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने असम में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी-एस) द्वारा आदिवासियों के नरसंहार और इसके बाद हुई हिंसा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से जांच कराने की घोषणा की है।
हिंसा प्रभावित शोणितपुर और कोकराझाड़ जिलों का दौरा करने के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से बात की है और इस घटना की एनआइए से जांच कराने का फैसला किया गया है।’ उन्होंने कहा कि केंद्र की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत इस आतंकी वारदात के लिए एनडीएफबी-एस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उनके मुताबिक उग्रवादियों के सफाये के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उग्रवाद से निपटने के लिए असम सरकार को हर तरह की मदद दी जाएगी, लेकिन उग्रवादी ङ्क्षहसा बर्दाश्त नहीं होगी। सिंह ने एनडीएफबी-एस जैसे संगठनों के साथ बातचीत किए जाने से इन्कार करते हुए कहा कि ऐसे संगठनों के खिलाफ सिर्फ कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी असम में आतंकियों द्वारा किए गए हमले की निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की आतंकी और ङ्क्षहसा की घटनाओं से सख्ती से निपटा जाना चाहिए। वहीं केंद्र सरकार एनडीएफबी-एस के खिलाफ कार्रवाई के लिए भूटान से मदद लेने पर विचार कर रही है, जिससे कि युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन की तरह का अभियान चलाया जा सके।
इस बीच बोडो आतंकियों द्वारा किए गए हमले और इसके बदले में आदिवासियों द्वारा की गई ङ्क्षहसा में मरने वालों की संख्या 83 हो गई है। बृहस्पतिवार सुबह हिंसा की ताजा घटनाओं में कोकराझाड़ जिले के गोसाईगांव में आदिवासियों द्वारा बोडो लोगों के बहुत से घरों में आग लगा दी गई। जबकि जिले में अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा हुआ है। मंगलवार को हुए नरसंहार का बदला लेने के लिए आदिवासियों ने इस घटना को अंजाम दिया। इस बीच सेना ने एनडीएफबी-एस के आतंकियों को निशाना बनाने के लिए हेलीकॉप्टर भी तैनात कर दिए हैं।
आपात स्थिति में उतरा राजनाथ का हेलीकॉप्टर
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के हेलीकॉप्टर को बृहस्पतिवार को तेजपुर वायु सैनिक अड्डे पर आपात स्थिति में उतारना पड़ा। उनके हेलीकॉप्टर में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गई थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वायु सैनिक अड्डे से सिंह के हेलीकॉप्टर ने कोकराझाड़ के लिए उड़ान भरी। बीच रास्ते में उसमें तकनीकी गड़बड़ी आ जाने से उसे वापस तेजपुर लौटना पड़ा।

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