भागवत बोले, हिंदुत्व से ही आएगी देश में एकता

सागर। चार दिनी सागर मंथन के दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत ने हिंदू राष्ट्र की पैरवी करते हुए भारत को इजराइल जैसा बनने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मुट्ठी भर आबादी व छोटी सी जमीन वाला यह देश आज शक्तिसंपन्न व पूर्ण विकसित राष्ट्र बन गया है। वहां के नागरिकों (यहूदियों) की ओर देखने वालों की आंख भी सलामत नहीं रहती।

रविवार को मध्यप्रदेश के सागर जिले में एक सार्वजनिक सभा में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक एमएन राय, रविंद्रनाथ टैगोर से लेकर डॉ भीमराव अंबेडकर के तर्कों का भी हवाला दिया।

संघ प्रमुख ने कहा कि हिंदुत्व ही सामाजिक सद्भाव व विकास का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने तरक्की व ताकत के मामले में इजराइल का उदाहरण देते हुए भारत को इस देश से सीख लेने की नसीहत दी। भारत के पड़ोसी देशों की कारगुजारियों पर चिंता जताते हुए भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान को इजराइल जैसा बनना होगा। छोटे से देश ने आठ पड़ोसी देशों के पांच हमले झेले, लेकिन जीत हासिल कर शक्ति संपन्न बन गया।

इजराइल आज पूरी दुनिया को अन्न व फल की आपूर्ति कर रहा है। हमारे वैज्ञानिक भी इस रेतीली जमीन और जलसंकट वाले देश की तकनीक सीखने जाते हैं। सागर के खेल परिसर में आयोजित जनसभा में संघ प्रमुख ने सीधे शब्दों में कहा कि हिंदू ही सभी को समभाव से स्वीकार करता है।

उन्होंने गुरदेव रविंद्रनाथ टैगोर के लेख स्वदेशी समाज के अंश का हवाला देते हुए बताया कि हिंदू-मुस्लिमों के बीच सद्भाव व एकता का रास्ता हिंदुत्व से ही निकलेगा। अपने 50 मिनट के भाषण में उन्होंने परोक्ष रूप से हिंदू राष्ट्र की पैरवी व संघ को समझने की नसीहत दी।

अखाड़ा नहीं है संघः
भागवत ने अंधों के हाथी की कहानी सुनाकर संघ का परिचय दिया। बोले, गणवेश व लाठी देख संघ को अखाड़ा न समझें, यह कोई पैरामिलिट्री फोर्स नहीं, संगीत शाला अथवा सेवा संस्था भी नहीं है। देशवासियों में संस्कार जगाने के अभियान में हम जुटे हैं। संघ क्या है अनुभव से समझिए। संघ के स्वयं सेवक बिना किसी सरकारी मदद के देशभर में अनगिनत सेवा के कार्य चला रहे हैं।

आरएसएस पिछले 90 वर्षों से इसी काम में जुटा है। संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में हिंदू आबादी, धर्मांतरण, घर वापसी, कश्मीर, धारा 370, समान नागरिक संहिता, अयोध्या में राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दों को नहीं छुआ। उनके साथ मंच पर क्षेत्रीय प्रचारक अशोक सोनी, प्रांत प्रचारक प्रशांत सिंह भी मौजूद थे।

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