राष्ट्रपति ने अध्यादेशों पर सरकार को चेताया, विपक्ष को दी नसीहत

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक के बाद एक अध्यादेश लाने को लेकर सरकार की जल्दबाज़ी पर सवाल उठाए हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि सत्ताधारी और विपक्षी दोनों ही दलों को इसके लिए व्यावहारिक समाधान ढूंढऩा होगा।
एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ऐसी क्या ज़रूरत है कि सरकार लगातार अध्यादेश जारी करती जा रही है। हालांकि इसके साथ ही राष्ट्रपति ने विपक्ष को भी नसीहत दी है कि वह बार-बार सदन की कार्यवाही ठप्प न करे, कानून बनाना उसका काम है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने ये बातें कही।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संविधान कार्यपालिका को असाधारण स्थिति में अध्यादेश लाने के सीमित अधिकार देता है। सामान्य और आम कानूनों के लिए इसका इस्तेमाल उचित नहीं है। संसदीय लोकतंत्र का मूल सिद्धांत यह है कि बहुमत के पास शासन का जनादेश होता है, जबकि विपक्ष के पास विरोध का इजहार करने और अगर संख्या हो तो सरकार गिराने का।
क़ानून बनाने में सबसे आसान होता है विधेयक पारित करना। मुश्किल होता है इसके लिए विपक्ष सहित सभी दलों की सहमति बनाना। एक विधायिका तभी असरदार हो पाती है जब इससे जुड़े सभी लोगों के मतभेद दूर कर सहमति बन जाती है।

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