66वां गणतंत्र दिवस समारोह: झांकियों में दिखा समग्र भारत

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह में झांकियों को लेकर लोगों में अलग ही आकर्षण होता है। इस बार भी लोग संस्कृति, केंद्रीय मंत्रालय और राज्यों की झांकियों में संपूर्ण देश की झलक देखने को मिली। हालांकि इस बार झांकियों में नारी शक्ति और सुरक्षा की झलक ज्यादा देखने को मिली। सबसे पहले राजपथ पर भारतीय नौसेना की झांकी आई, जिसमें नारी शक्ति की झलक देखने को मिली।
वायुसेना की झांकी
वायुसेना की झांकी को भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध को समर्पित किया गया। 2015 में 1965 युद्ध की स्वर्ण जयंती हैं। इस झांकी में एक महिला वासुसेना अधिकारी को सलामी देते हुए दिखाया गया और उसके पीछे 1965 युद्ध में शामिल हुए विमानों की झलक देखने को मिली।
कर्नाटक की झांकी
कर्नाटक की झांकी में वहां के खिलौना उद्योग की झलक देखने को मिली। झांकी में राजा रानी के सुंदर और रंगबिरंगे खिलौनों ने सबका मन मोह लिया।
आंध्र प्रदेश की झांकी
आंध्र प्रदेश की झांकी मकर संक्रांति के त्योहार पर आधारित थी। इसमें त्योहार से जुड़ी विभिन्न परंपराओं को प्रदर्शित किया गया। संक्रांति में होने वाली बैल दौड़ और पंतगबाजी का दृश्य भी झांकी में देखने को मिला।
गोवा की झांकी
गोवा पयर्टन स्थल है, जहां के लोगों का मुख्य व्यवसा मत्सय उद्योग है। झांकी में गोवा के मत्सय उद्योग की झलक देखने को मिली, जिसमें एक मछुआरा समुद्र में मछली पकडऩे के लिए जाल फेंक रहा था। गोवा के ज्यादा लोग आज भी मत्सय उद्योग में जुटे हुए हैं।
मध्य प्रदेश की झांकी
मध्य प्रदेश की झांकी में भील जाति के प्रमुख भगौरिया पर्व को मनाते हुए लोगों को दिखाया गया। भील जाति के लोग फसल पकने के बाद उत्साह में नाचते हैं और एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटते हैं।
उत्तराखंड की झांकी
उत्तराखंड की झांकी की थीम केदारनाथ धाम रहा। देश के 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम 2013 में आई जल प्रलय से काफी प्रभावित हुआ। लेकिन इस झांकी में बताया गया कि केदारनाथ धाम फिर तैयार है।
असम की झांकी
बह्मपुत्र नदी के बीच स्थिति मंजूदी द्वीप की झलक असम की झांकी में देखने को मिला। वैष्णव भक्तों के लिए मंजूदी द्वीप काफी महत्वपूर्ण स्थल है।
झारखंड की झांकी
झारखंड के मलूरी गांव में टेरा कोटा का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। इस मंदिर की मूर्तियां सूखी मिट्टी और गारे से बनी हुई हैं। दूर-दूर से इस मंदिर को देखने के लिए लोग आते हैं। झारखंड की झांकी में टेरा कोटा के इसी मंदिर की झलक देखने को मिली।
सिक्किम की झांकी
सिक्किम में बड़ी इलायची की काफी पैदावार होती है। 16वीं सदी से यहां इलायची की पैदावर होती है। यहां साल के बारह महीने इलायची की ही पैदावार होती है। दरअसल, इलायची की खेती के लिए 1500 से 3000 मिमी की बारिश की जरूरत होती है। सिक्किम की झांकी में इलायची की खेती का मनोहर दृश्य दिखाया गया था।
तेलंगाना की झांकी
आंध्र प्रदेश से अलग होकर बने देश के नए राज्य तेलंगाना में बोनाल पर्व का मनोहर दृश्य देखने को मिला। बोनाल पर्व में महाकाली की पूजा होती है। इस दौरान महिलाएं अपने पर कोड़े बरसाती हैं और नीम की पत्तियां फेंकती हैं।
उत्तर प्रदेश की झांकी
उत्तर प्रदेश की झांकी में अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह का दरबार देखने को मिला। वाजिद अली शाह संगीत के अच्छे जानकार और कवि भी थे। जब यह झांकी राजपथ पर आई तो राग और सुर का ऐसा माहौल बना कि लोग एक पल तो कहीं खो गए।
जम्मू-कश्मीर की झांकी
धरती का जन्नत कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की झांकी में वहां के लोक नृत्य की झलक देखने को मिली। झांकी में लद्दाख के फूल नृत्य और जम्मू के कुड्डु नृत्य से सबका मन मोह लिया।
हरियाणा की झांकी
हरियाणा की झांकी में सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी की थीम पर बेस्ड थी। झांकी में सेंचुरी में आने वाले स्वदेशी और प्रवासी पक्षियों का दृश्य देखने को मिला। यहां हर साल ढेरों प्रवासी पक्षी आते हैं, जिन्हें यहां बेहद करीब से देखा जा सकती है।
छत्तीसगढ़ की झांकी
छत्तीसगढ़ की झांकी बस्तर के ऐतिहासिक दशहरे पर आधारित थी। यहां होने वाली दशहरा पूजा मां दंतेश्वरी देवी को समर्पित होती है। इस दौरान भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है। बस्तर के दशहरा 75 दिनों तक चलता है।
अरुणाचल की झांकी
अरुणाचल की झांकी में ईगु नृत्य देखने को मिला। ईदू मिशनी जनजाति के लोगों में ईगु नृत्य करने की परंपरा है। इस नृत्य के दौरान अर्धगोलाकार ड्रम बजाया जाता है।
महाराष्ट्र की झांकी
महाराष्ट्र की झांकी में आलंदी-पंढरपुर की यात्रा देखने को मिली। झांकी में पंढरपुर मंदिर भी देखने को मिला। पंढरपुर की यात्रा 200 किलोमीटर लंबी होती है, जिसे करना बड़ा पुण्य का काम माना जाता है।
गुजरात की झांकी
गुजरात की झांकी लौह पुरुष सरदार पटेल को समर्पित थी। गुजरात में सरदार सरोवर बांध के पास सरदार पटेल की एक प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया जा रहा है। यह विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा होगी। इसकी लंबाई 182 मीटर बताई जाती है। इस प्रतिमा के लिए नरेंद्र मोदी ने गांव-गांव से लौहा इक_ा किया है।
औधोगिक नीति और संवर्धन विभाग की झांकी
औधोगिक नीति और संवर्धन विभाग की झांकी की थीम मैक इन इंडिया थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2014 को मैन इन इंडिया प्रोग्राम लॉन्च किया था। इस झांकी में स्मार्ट सिटी की भी झलक देखने को मिली, जिसका निर्माण तीन शहरों में किए जाने की योजना है।
केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी
केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में गंगा के उद्गम स्थल गौमुख के दर्शन हुए। इस झांकी में गंगा जल से भरा एक बड़ा सा कलश भी था।
आयुष मंत्रालय की झांकी
इस झांकी में भारत की प्राचीन आयुष पद्धतियों की प्रदर्शन किया है। इसमें योग, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक और हौम्योपेथी के जरिए होने वाले लाखों का जिक्र देखने को मिला। इन दिनों सरकार अपनी पुरानी चिकित्सा पद्धतियों को काफी बढ़ावा दे रही है।
परमाणु ऊर्जा विभाग की झांकी
परमाणु ऊर्जा विभाग की झांकी में यह दर्शाया गया कि जनकल्याण के लिए ऊर्जा का उपयोग कैसेट किया जा सकता है। लोग कैसे ऊर्जा का सद्उपयोग कर सकते हैं।
पंचायती राज मंत्रालय की झांकी
पंचायती राज मंत्रालय की झांकी में आदर्श ग्राम योजना और पंचायतों में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को प्रदर्शित किया गया।
विधि एवं न्याय मंत्रालय की झांकी
विधि एवं न्याय मंत्रालय की झांकी वॉक फॉर जस्टिस थीम पर आधारित थी। इसमें लोक अदालतों का प्रदर्शन भी किया गया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की झांकी में उन योजनाओं का जिक्र किया गया, जो सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही है। झांकी में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही यह झांकी कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता फैलाती हुई नजर आई।
वित्तिय सेवा विभाग की झांकी
वित्तिय सेवा विभाग की झांकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘जन धन’ पर आधारित थी। इस योजना की शुरुआत नरेंद्र मोदी ने 25 अगस्त 2014 को की थी। इस योजना के तहत ऐसे लोगों के बैंक खाते खुलवाए जा रहे हैं, जिनका अभी तक किसी बैंक में खाता नहीं था। इसके जरिए सरकार से मिलने वाली योजनाओं का लाभ सीधे गरीबों के खातों में पहुंचाने की योजना है।
रेल मंत्रालय
सबसे अंत में रेल मंत्रालय की झांकी थी, जिसमें रेलवे के आधुनिकरण का जिक्र था। इस झांकी में हाइ स्पीड ट्रेन को दिखाया गया। रेलवे में महिला सुरक्षा पर उठाए गए कदमों का जिक्र भी झांकी में देखने को मिला।

 

 

 

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