ओबामा ने धार्मिक कट्टरता पर चेताया
नई दिल्ली । भारत की तीन दिनों की यात्रा के अंतिम दिन राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी दिल की कह गये। एक वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर भारत को उन्होंने अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ साझेदार के तौर पर गिनाया और यह वादा किया अमेरिका भारत को इस मुकाम पर पहुंचाने में हरसंभव मदद करेगा। लेकिन ओबामा ने एक सच्चे दोस्त की तरह भारत को उसके भीतर से उठ रही चुनौतियों को भी विस्तार से गिनाया। खास तौर पर भारत की सरकार और भारतीय जनता को यहां पनप रहे धार्मिक कट्टरवाद से आगाह कराया और कहा कि अगर धार्मिक मतभेद ने अड़चन नहीं डाली तो भारत निश्चित तौर पर सफल होगा। नई दिल्ली के सिरी फोर्ट सभागार के खचाखच भरे हॉल में इस टाउन हॉल लेक्चर में ओबामा ने भारत व अमेरिका के रिश्ते को आर्थिक और हथियारों के सहयोग से आगे जाकर बात की। भारत किस तरह से अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर अपनी सवा करोड़ आबादी के जीवन स्तर को बेहतर कर सकता है, इसमें उसका मूल था। भारत आने वाला हर विदेशी नेता गांधी को याद करता है लेकिन ओबामा ने शिकागो में विवेकानंद के भाषण को याद किया। यही वजह है कि जब उन्होंने मेरा प्यारे भारतीय भाइयों और बहनों ..कह कर संबोधित किया तो पूरा हॉल देर तक तालियों से गूंजता रहा। ओबामा का यह अपना अंदाज था यह याद दिलाने का कि गांधी व विवेकानंद भारत में हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। गांधी और विवेकानंद को याद करते हुए उन्होंने कहा कि, ‘हर व्यक्ति को बगैर किसी डर, भेदभाव या दबाव के धार्मिक मान्यताओं के पालन की आजादी होनी चाहिए। भारत भी तब तक सफल होगा जब तक यह धार्मिक लाइन पर बिखर न जाये।’ इस संदर्भ में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लेख किया जिसमें हर भारतीय को धार्मिक आजादी मिली है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका में धार्मिक आजादी देना न सिर्फ सरकार का काम है बल्कि यह हर व्यक्ति की भी जिम्मेदारी है। हमें धार्मिक आधार पर बांटने वालों को लेकर सचेत रहना होगा।
राष्ट्रपति ओबामा का यह बयान इसलिए भी अहम हो जाता है कि पिछले कुछ दिनों से भारत में धर्मांतरण और घर वापसी जैसे मुद्दे मीडिया में छाए हैं। कई लोग इसे ओबामा की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे पर दिया गया संकेत भी मानते हैं। हालांकि उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की उपलब्धियों की प्रशंसा की और भारत से दोस्ती को गर्व का विषय बताया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत व अमेरिका को प्राकृतिक साझेदार बताया था। आज ओबामा ने कहा कि हम सिर्फ प्राकृतिक साझेदार ही नहीं है वरन सर्वश्रेष्ठ साझेदार भी बन सकते हैं। अमेरिका भारत को न सिर्फ सडक़, बंदरगाह, रेलवे बनाने में मदद करना चाहता है बल्कि हम चाहते हैं कि भारतीय बच्चे बेहतर पर्यावरण में पले बढ़े। इसलिए हम स्वच्छ ऊर्जा में अपना सहयोग और बढ़ाएंगे।
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