बरेली में कार्यकर्ताओं ने राहुल की नेतृत्व क्षमता पर किए सवाल
बरेली। राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर कांग्रेस पार्टी के अंदर लगातार बागी स्वर उठ रहे हैं। गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद को भी इसका सामना करना पड़ा। पूर्व महामंत्री प्रहलाद राम कश्यप ने यहां तक कह दिया कि दिल्ली जाओ तो राहुल गांधी मिलते नहीं और पत्र लिखो तो जवाब नहीं आता। ऐसे में कांग्रेस की भद नहीं पिटेगी तो और क्या होगा?
बरेली में संगठन का हाल जानने आए
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद से जब दैनिक जागरण ने यही सवाल किया तो उन्होंने कहा कि पार्टी राहुल गांधी के बूते ही मजबूत होगी। वह राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाने वालों को विरोधी होने का तमगा देने से भी नहीं चूके। उन्होंने कहा कि राहुल के नेतृत्व को लेकर पार्टी में कहीं कोई असंतोष नहीं है। जितिन प्रसाद ने कहा कि देश के युवा भ्रमित हो गए। उन्हें सपने दिखाकर ठग लिया गया। सात माह बाद सभी को इसका अहसास हो गया। लिहाजा अब बदलाव आ रहा। कांग्रेस ने एक बात साफ कर दी है, विचारधारा नहीं बदलेंगे। वे तोड़ने का काम करें, हम जोड़ने के सिद्धांत पर मजबूती से कायम रहेंगे। जहां तक यूपी का सवाल है तो संगठन को मजबूती के लिए हर संभव कोशिश चल रही है। यहां भी कांग्रेसजनों से सुझाव लेने के लिए आए हैं।
ओबामा आए पर .. लाए क्या?
बेशक दुनिया के ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा भारत आए, इससे अमेरिका के साथ रिश्ते सुधरेंगे और गर्मजोशी भी आएगी। पर असल बात यह है कि ओबामा आए पर लाए क्या? यह बात पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने पीलीभीत में पत्रकारों के समक्ष कही। उन्होंने कहा कि केंद्र में रही संप्रग सरकार की ही योजनाओं को नए कलेवर के साथ परोसने के अलावा वर्तमान में केंद्र सरकार के पास कुछ नया नहीं है।
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