परम गिल ‘साड़ी व अन्य परंपरागतÓ वस्तुओं के आयात से तुरंत टैक्स हटाएं : मारटिन सिंह

छोटे उद्योगों व घरों में कारोबार करने वाले लोग कंजरवेटिव सरकार की ताजा नीतियों से दुखी

बरैंपटन : परम गिल के कौमांतरी व्यापार मंत्रालय का नया संसदीय सचिव नियुक्त हो जाने के बाद अब उन्होंने छोटे उद्योगों व परिवारों को निशाना बना कर लगाए गए वस्तुओं की आयात-निर्यात पर लगाए गए गैर-जरूरी टैक्सों को हटा देना चाहिए। इन विचारों का प्रगटावा बरैंपटन उत्तरी व एन.डी.पी. के उम्मीदवार मारटिन सिंह ने किया है। उल्लेखनीय है कि प्रधान मंत्री स्टीफन हार्पर ने बरैंपटन से संसद मैंबर परम गिल को राष्ट्रीय व्यापार के लिए संसदीय सचिव नियुक्त किया है। मारटिन सिंह ने अपने बयान में कहा कि विदेशी देशों के साथ राष्ट्रीय व्यपार में अहम रोल निभाने की जिम्मेवारी स. गिल को मिल जाने की मैं बधाई देता हूं तथा उम्मीद करता हूं कि वह कैनेडा तथा विशेष तौर पर बरैंपटन के व्यपारियों व छोटे परिवारों की सहायता करने के लिए नीतियां व टैक्सों में कुछ न कुछ राहत जरूर देंगे। मारटिन सिंह ने कहा कि कंजरवेटिव पार्टी की ताजा नीतियों के कारण लगाए गए टैक्सों ने छोटे उद्योगपतियों का सांस लेना मुश्किल किया हुआ है। कंजरवेटिव सरकार ने इस समय घरेलू उपयोग की चीजों, कपड़ों की भारत सहित 71 देशों से आयात पर काफी टैक्स लगाए हुए हैं। आम लोगों व ग्राहकों को यह वस्तुएं खरीदने व कारोबार करने के समय जेब काफी ढीली करनी पड़ती है। एक अंदाजे के अनुसार कैनेडा के आयात कर्ताओं व ग्राहकों को 330 मिलियन डॉलर सालाना टैक्स देना पड़ रहा है। भारत से साडिय़ों व अन्य परंपरागत कपड़ों की आयात से 6 प्रतिशत टैक्स देना पड़ रहा है। कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां इन चीजों के आयात पर 3 प्रतिशत टैक्स वसूला जाता है। मारटिन सिंह ने कहा कि वह परिवार जिनके बरैंपटन में अपने छोटे-मोटे कारोबार हैं तो वह लोग जो घरों में ही खाना तैयार करके आसपास के लोगों को सप्लाई देना चाहते हैं, महसूस करते हैं कि उनसे बेवजहा ज्यादा टैक्स वूसला जा रहा है। यह टैक्स गैर-जरूरी व ज्यादातर हैं, इसलिए इन्हें हटाया जाना चाहिए।

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