जेल से बाहर आते ही वंजारा ने गुजरात पुलिस का किया बचाव

अहमदाबाद। इशरत जहां केस में लगभग आठ साल से जेल में बंद डीजी वंजारा आज जेल से बाहर आ गए हैं। हाल ही में सीबीआइ की एक विशेष अदालत ने डीजी बंजारा और पीपी पांडेय को जमानत दी थी। वंजारा इशरत जहां और तीन अन्य की कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में हत्या करने के आरोप में जेल में बंद थे। जेल से निकलते ही वंजारा ने गुजरात पुलिस का बचाव किया।

जेल से रिहा होने के बाद वंजारा ने कहा कि गुजरात पुलिस ने कुछ भी गलत नहीं किया। पुलिस ने नागरिकों की रक्षा की है। आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय समस्या है। हर किसी की जिम्मेदारी है कि वो आतंकवाद से लड़े। सभी आरोपी निरपराध हैं। सिर्फ चार्जशीट ही दाखिल की गई है। गुजरात पुलिस निर्दोष है और ये बात कोर्ट में साबित हो गई है।वंजारा ने कहा कि करीब 8 साल से गुजरात के 32 पुलिसकर्मी जेल में हैं। वे सभी निर्दोष हैं। पुलिस का काम आम नागरिकों को बचाना होता है। पहली बार गुजरात पुलिस को इंसाफ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी हिम्मत जेल में रहकर भी नहीं टूटी है। भारतीय न्याय व्यवस्था में देरी हो सकती है, लेकिन मिलता जरूर है। जेल में बंद दूसरे पुलिस कर्मी भी जल्द छूट जाएंगे।

आपको बता दें कि 15 जून 2004 को शहर के बाहरी इलाके में एक मुठभेड़ में अहमदाबाद अपराध शाखा के अधिकारियों ने मुंबई की 19 वर्षीय छात्र इशरत जहां, प्रनेश पिल्लै उर्फ जावेद शेख, अमजद अली राना और जीशान जौहर की कथित रुप से हत्या कर दिया था।

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